कांगड़ा मंडलायुक्त पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा-तर्कहीन फैसले न्याय से वंचित करने के बराबर
- By Arun --
- Saturday, 29 Apr, 2023
High Court's strong comment on Kangra Divisional Commissioner, said- irrational decisions equal to d
शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा के मंडलायुक्त की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि तर्कहीन फैसले न्याय से वंचित करने के बराबर हैं। मंडलायुक्त स्तर के अधिकारी का कानून से अनभिज्ञ होना दुर्भाग्यपूर्ण है। अदालत ने कहा कि बिना तर्क के फैसले पक्षकारों के मूल्यवान अधिकारों के विरुद्ध होते हैं।
याचिकाकर्ता मनोहर लाल की ओर से ऐसे ही एक मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने मंडलायुक्त को दोबारा तर्कयुक्त फैसला देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने पाया कि कांगड़ा के मंडलायुक्त ने शशि कुमार और अन्य की याचिका का निपटारा करते हुए भी कोई तर्क नहीं दिया था। यह दूसरा मामला है, जहां कांगड़ा के मंडलायुक्त ने पक्षकारों के मूल्यवान अधिकारों के विरुद्ध फैसला सुनाया है।
अदालत ने पाया कि इस बार भी पक्षकारों के मूल्यवान अधिकारों का निपटारा करते हुए मंडलायुक्त ने कोई तर्क नहीं दिया है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मंडलायुक्त को यह याद दिलाने की जरूरत है कि वह पक्षकारों के मूल्यवान अधिकारों का निपटारा कर रहा है। इतने गूढ़ तरीके से वह बिना किसी कारण को रिकॉर्ड किए फैसला नहीं पारित कर सकता।